Delhi Court Gangwar 2021 हिंदुस्तान के इतिहास में पहली बार ऐसी घटना घटित हुई जिसकी असल जिंदगी में कभी कल्पना भी नहीं किया होगा। भारतीय सिनेमा में अक्सर यह दिखाया जाता है की कोर्ट परिसर या कोर्ट रूम में गोली चल गई या फिर किसी की जान चली गई लेकिन आज जो दिल्ली के रोहणी कोर्ट में जो घटना घटित हुई वो हमारे देश के सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खाड़ा कर दिया है तो आइए जानते हैं इस घटना के बारे में…
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Story Of Delhi Court Gangwar 2021 दिल्ली कोर्ट गैंगवार की कहानी
भारतीय इतिहास में पहली और अल्कपनीय घटना जो घटित हुई वो शायद हीं कभी किसी ने सोचा होगा दिल्ली पुलिस के मोस्ट वांटेड की सूची में जितेन्द्र गोगी जो की दिल्ली और हरियाणा पुलिस का छःलाख का ईनामी बदमाश था जिसे 07 मार्च 2020 को सुबह 06 बजे गुड़गांव से आरेस्ट किया गया था और दिल्ली के रोहणी जेल में हीं तब से बंद था गोगी के केस की सुनवाई चल रही थी इसी सिलसिले में अक्सर गोगी को रोहणी कोर्ट में पेश किया जाता था। दिनांक 24 सितंबर 2021 को जो को भी रोहणी कोर्ट में सुनवाई के लिए गोगी को पेश होना था पेश हुआ भी लेकिन केस सुनवाई नहीं हुई बल्कि उसका कत्ल हो गया वो भी कोर्ट रूम में।
बताया जाता है कि दो लड़के वकील के वेश में कोर्ट रूम में हथियार से लैस होकर केस सुनवाई होने के पहले कोर्ट रूम में पहुंच गए थे और जब गोगी को कोर्ट रूम लाया गया और जज साहब के सामने कटघरा में गोगी खाड़ा हुआ तो उसके बाद दोनों लड़के जो वकील के वेश में कोर्ट रूम में पहले से थे दोनों ने जितेंद्र गोगी पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दी जिससे मौके पर हीं गोगी की मौत हो गई और दोनों लड़के कोर्ट रूम से भागने लगे तब पुलिस ने भी मोर्चा संभाल लिया। दोनों लड़कों और पुलिस के बीच करीब 30 – 40 राउंड गोलियां चलीं और अंत में दोनों लड़कों की पुलिस मुठभेड़ में मौत हो गई जिसमें एक महिला वकील जो की अभ्यासरत है इसके पैर में गोली लग गई जो की खतरे से बाहर है।
पुलिस छानबीन में दोनों लड़कों की पुष्टी राहुल और मॉरिस नाम से हुई राहुल जो की दिल्ली पुलिस का 50 हजार का ईनामी बदमाश पहले से सूचीवध था और दूसरे मॉरिस का कोई रिकॉर्ड फिलहाल नहीं मिला।
Story Of Jitendar Gogi जितेंद्र गोगी की कहानी (Delhi Court Gangwar 2021)
जितेंद्र गोगी की कहानी : जितेंद्र गोगी बचपन में सीधा साधा लड़का था पढ़ने में भी ठीक था वो मूल रूप से दिल्ली के अलीपुर का रहने वाला था जितेंद्र 12 वीं करने के बाद श्रद्धानंद विश्वविद्यालय में स्नातक की पढ़ाई के लिए दाखिला लिया और पढ़ाई करने लगा। इसी यूनिवर्सिटी में अलीपुर का हीं रहने वाला टिल्लू ताजपुरिया से मुलाकात हुई और दोनों एक हीं जगह से होने के कारण दोनों की दोस्ती होने में ज्यादा समय नहीं लगा और दोनों एक दूसरे के घनिष्ठ मित्र बन गए। यूनिवर्सिटी में जाने के बाद गोगी का व्यवहार पहले के जैसा नहीं रहा वो बदलने लगा था दोनों की दोस्ती देखते देखते इतनी ज्यादा घनिष्ठ हो गई की दोनों एक दूसरे के बिना नहीं रहा करते थे फिर एक ऐसा मोड आया जिससे इनकी दोस्ती कब दुश्मनी में बदल गई पता हीं नहीं चला।
टिल्लू और गोगी की दोस्ती – दुश्मनी में बदल गई (Delhi Court Gangwar 2021)
टिल्लू और गोगी की दोस्ती के चर्चे अब यूनिवर्सिटी के बाहर भी सुनने को मिलने लगे थे और इसी बीच DUSU (Delhi University Students Union) में चुनाव की घोषणा हो गई और चुनाव में जितेन्द्र गोगी का दोस्त और टिल्लू ताजपुरिया का रिश्तेदार DUSU के चुनाव में सामान्य पद पर आमने सामने हो गए और अपने – अपने प्रतिनिधि को जिताने का लक्ष्य दोनों लोगों के पास था दोनों ने एक दुसरे के खिलाफ चुनाव में रणनीतियां बनाई जिसमें कई उल्टे सीधे काम भी किए जैसे एक दूसरे का बैनर, पोस्टर फाड़ना। इस चुनाव में गोगी का जो दोस्त था वो चुनाव जीत गया और टिल्लू का रिश्तेदार चुनाव हार गया और अब दोनों टिल्लू और गोगी में ३६ का आंकड़ा हो गया और अब दोनों यूनिवर्सिटी से बाहर निकलते हैं और दोनों लोग अपनी अपनी गैंग का निर्माण करते हैं।
दोनों लोग टिल्लू और गोगी ने यूनिवर्सिटी से निकलने के बाद जुर्म का रास्ता हीं चुना. जितेंद्र गोगी सबसे पहले लोगों का जमीन हड़पना इसके बाद फिरौती मांगना, सुपारी लेना इत्यादि कार्य करने लगा और अपनी दायरा को इतना बढ़ा लिया की दिल्ली और हरियाणा की सरकार को इसके बारे में सोचना पढ़ा और इस पर कुल छः लाख का ईनाम भी घोषित कर दिया। गोगी के तरह टिल्लू भी इसी तरह अपना जुर्म का महल बनता चला गया फिर एक दौर आता है और दोनों अब ये साबित करने जुट गए थे की इस क्षेत्र का असली बादशाह कौन है और फिर दोनों गुट में लड़ाइयों का दौर शुरू हो जाता है।
बताया जाता है कि दोनों गुट में करीब 80 – 100 लड़के हमेशा जुड़ें रहे इनकी लड़ाई करीब एक दशक से ज्यादा तक चली ।
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