Mirabai Chanu Story: अपने कारनामे से दुनिया में अपना और अपने देश का नाम रौशन करने वाली प्रतिभावान महिला वेटलिफ्टर मीराबाई चानू का जीवन परिचय बताने जा रहा हूं.
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Mirabai Chanu Biography In Hindi
मीराबाई चानू का जीवन परिचय: मीराबाई चानू का पूरा नाम साइखोम मीराबाई चानू है इनका जन्म 8 अगस्त 1994 को भारत के एक उत्तर पूर्वी राज्य मणिपुर की राजधानी इम्फाल में हुई थी। इनकी माता का नाम साइकोहं ऊँगबी तोम्बी लीमा है जो पेशे से एक दुकानदार हैं वहीं इनके पिता का नाम साइकोहं कृति मैतेई है जो PWD डिपार्टमेंट में नौकरी करते हैं। मीराबाई चानू अपने बचपन के दिनों से ही भारत्तोलन में रूचि रखती थी जिसके कारण इन्होंने केवल 12 वर्ष की उम्र में ही लकड़ियों के गुच्छे उठाकर अभ्यास किया करती थी।
Mirabai Chanu Story In Hindi (मीराबाई चानू की वेटलिफ्टर बनने की कहानी)
मीराबाई का यहां तक पहुंचने का सफर इतना आसान नहीं था। मीराबाई बचपन से ही खेलों की ओर रुझान रखती थीं। वह टीवी पर फिल्में और सीरियल की जगह स्पोर्ट्स देखती थीं। जब वह 5-6 साल की थीं तो पानी से भरी बाल्टी लेकर पहाड़ों पर चढ़ जाती थीं जब मीरा 10 साल की थीं, तब अपनी बड़ी बहनों के साथ खाना बनाने के लिए जंगल से लकड़ी के भारी गट्ठर उठा कर लाती थीं।
मीरा की बड़ी बहनें भी इतना वजन नहीं उठा पाती थीं। मीरा ने टीवी पर देश की महान वेटलिफ्टर कुंजू रानी देवी को वेटलिफ्टिंग करते देखकर कही थी- मैं भी इस खेल में जाना चाहती हूं। मीरा की मां को पता था कि वे भारी वजन उठा सकती हैं, इसलिए वह तैयार हो गईं। मीरा के पिता को शुरुआत में यह पसंद नहीं था, लेकिन बाद में वे भी मान गए।
जब वह छोटी थीं तो घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण अपने भाई-बहनों के साथ जंगल से लकड़ियों के गट्ठर लाती थीं। गट्ठर उठाते-उठाते मीराबाई में एक असामान्य प्रतिभा जाग गई और मात्र 11 वर्ष की उम्र में उन्होंने लोकल वेटलिफ्टिंग टूर्नामेंट में अपने जीवन का पहला पदक जीत लिया।
मीराबाई चानू की मां तोम्बी लीमा ने बताती हैं कि मीराबाई की डाइट के लिए पैसे नहीं थे। उनकी डाइट का इंतजाम करने के लिए ही गांव में चाय-नाश्ते की दुकान खोली। पैसे नहीं होने के कारण मीराबाई ट्रक ड्राइवर्स से लिफ्ट लेकर ट्रेनिंग सेंटर जाती थीं। मीराबाई इससे कभी निराश नहीं हुईं।
Mirabai Chanu Marriage News
Mirabai Chanu Marriage News: वर्ष 2016 रियो ओलिंपिक में एक बार भी सही वेट नहीं उठा पाने के कारण मीराबाई को डिसक्वालिफाई कर दिया गया था। इस विफलता के बाद परिवार वाले उन पर शादी का दबाव बना रहे थे। उनका कहना था कि अब खेल बहुत हुआ, शादी करो और घर बसाओ, लेकिन देश के लिए मेडल जीतने का जुनून रखने वाली मीरा ने साफ इनकार कर दिया। कहा- जब तक ओलिंपिक में मेडल नहीं जीतूंगी, तब तक शादी नहीं करूंगी।
यह खुलासा खुद मीराबाई के माता-पिता ने किया था। टोक्यो में मीराबाई की सफलता के बाद मीराबाई के पिता सैखोम कृति और मां तोम्बी लीमा ने एक इंटरव्यू में बताया था कि मीरा ने टोक्यो में सिल्वर जीतने के बाद मां से कहा था कि अब उनका टारगेट अगले ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीतना है।
बर्मिंघम में मीराबाई के शनिवार को दूसरा गोल्ड जीतने के बाद उनकी मां तोम्बी लीमा ने कहा कि अभी दो साल तक बिटिया की शादी नहीं करेंगी। पेरिस ओलिंपिक में देश के लिए गोल्ड जीतने के बाद ही वह मीरा की शादी करेंगी। अभी उनको ओलिंपिक में गोल्ड जीतने का सपना पूरा करने के लिए मौका देना चाहती हूं।
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Mirabai Chanu International Performance
Mirabai Chanu International Performance की बात करें तो उन्होंने देश का प्रतिनिधित्व करते हुए कई मेडल अपने नाम किए हैं लेकिन उनका सपना एक हीं है की Olympic Games में Gold जीतना मीराबाई चानू द्वारा अब तक जीते गए अंतर्राष्ट्रीय मेडल का विवरण निम्न हैं….
- 2014 कॉमनवेल्थ गेम्स में 48 किग्रा कैटेगरी में सिल्वर मेडल जीती थीं।
- गोल्ड कोस्ट में हुए 2018 कॉमनवेल्थ में विश्व कीर्तिमान के साथ गोल्ड मेडल जीती थीं।
- मीराबाई की सबसे बड़ी उपलब्धि अनाहाइम, संयुक्त राज्य अमेरिका में आयोजित हुई वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतना है।
- चानू ने 24 जुलाई 2021 को ओलिंपिक में 49 किग्रा वेटलिफ्टिंग में भारत के लिए पहला सिल्वर मेडल जीती थीं।
- उन्होंने स्नैच में 87 kg भार उठाते हुए, क्लीन एंड जर्क में 115 kg सहित कुल 202 किलोग्राम वजन उठा कर रजत पदक पर कब्जा किया था।
- CWG 2022 में चानू ने 109 kg वेटलिफ्टिंग कर Gold Medal जितने में कामयाब रहीं।
Mirabai Chanu Win Gold In CWG 2022
Mirabai Chanu Win Gold In CWG 2022: भारत की स्टार वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने Commenwealth Games 2022 में 49 किलोग्राम भारवर्ग में गोल्ड मेडल जीती हैं. यह बर्मिंघम में हो रहे राष्ट्रमंडल खेलों में भारत का पहला गोल्ड मेडल है. मीराबाई ने लगातार दूसरी बार कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता है. वह टोक्यो ओलंपिक 2020 का भी गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं. बर्मिंघम में 27 वर्षीय चानू ने अपना ओलंपिक रिकॉर्ड भी बेहतर किया. उन्होंने स्नैच में 88 किलोग्राम भार उठाया. इस एथलीट ने टोक्यो ओलंपिक में स्नैच में 84 किलोग्राम भार उठाया था. इसके बाद क्लीन एंड जर्क में उन्होंने पहले ही प्रयास में 109 किलोग्राम का भार उठाया.
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