आप सब को अलवर के Maharaja Jai Singh Prabhakar जी की जीवनी बताने की कोशिश करता हूँ जिनके बारे आपने कई बार पढ़ा और सुना होगा. लेकिन हर बार कुछ अधूरा सा लगता होगा आज इस कहानी की भाग में मैं पूरी करने की कोशिश करूंगा…
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Maharaja Jai Singh Prabhakar Biogyraphy का जन्म व प्रारम्भिक जीवन
राजा जय सिंह का जन्म 14 जून 1882 को राजस्थान के (उलवर) अलवर जिले की विनय विलास महल में हुआ था इनका पूरा नाम जय सिंह वीरेंद्र शिरोमणि देवव्रत धरम प्रभाकर था,उनके पिता का नाम महाराज मंगल सिंह प्रभाकर बहादुर था उनकी प्रारम्भिक शिक्षा राजघराने में हुई लेकिन उनके पिता की मृत्यु हो जाने के कारण 10 वर्ष की उम्र में ही 23 मई 1892 को राजगद्दी सम्भालनी पडी.
लेकिन कम उम्र होने के कारण उनके लिए एक कौंसिल बनाई गई और राजकाज किया जाने लगा जब वो वयस्क हुए तो 10 दिसंबर 1903 को तत्कालीन वायसराय लॉर्ड कर्जन ने उन्हें सौंप दिए. उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा मायो कॉलेज अलवर से पूरी की उन्हें अंग्रेज़ी का विद्वान भी माना जाता था. उन्होंने ने ही उलवर का नाम बदलकर अलवर किया था.
Maharaja Jai Singh Prabhakar जी द्वारा अलवर के विकास में अहम योगदान
Maharaja Jai Singh History: 1892 से 1937 तक अलवर की रियासत के महाराजा थे उन्होने अपने शासनकाल में कई ऐतिहासिक फैसले लिए जिसके चलते आज भी उनका उतना ही आदर किया जाता है जितना कि पहले होती थी उनके प्रमुख फ़ैसला जो अति महत्वपूर्ण रहे जो निम्न हैं…
- 100 से अधिक कानूनों का निर्माण किया, 1908 में हिंदी को राज्य भाषा बनाना। 1920 में प्रशासनिक जागृति के लिए ग्राम पंचायतों की स्थापना, न्याय पालिका को कार्यपालिका से पूर्ण प्रथम कर 1928 में राज्य में उच्च न्यायालय की स्थापना की।
- सिंचाई के लिए जयसमंद, प्रेमसिन्धु, मंगलसर, मानसरोवर, विजय सागर एवं हंस सरोवर सहित 117 बांधों का निर्माण किया गया।
- राजर्षि कॉलेज की स्थापना की गई- निशुल्क शिक्षा और सैनिक शिक्षा की शुरुआत की गई। 1 अक्टूबर 1930 को राजर्षि कॉलेज की स्थापना की गई।
- आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से युक्त अलेक्जेंडर हॉस्पिटल को स्थापित किया गया।
- 1920 ई0 में बाल-विवाह,बेमेल-विवाह व मृत्यु भोज पर पाबन्दी लगाई.
- 1917 ई0 में 17 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को शराब पर पाबन्दी.
- 1928 ई0 में समाज में शांति के लिए अलवर कन्वर्जन एक्ट बनाया.
- 1911 में वन्य जीव हिंसा को राज्य में प्रतिबंधित किया।
- 1918 में ‘सरिस्का वैली’ का निर्माण किया गया।
ऐसे बहुत सारे काम किए जो जनकल्याण के लिए सही साबित हुए.
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Maharaja Jai Singh Prabhakar की Rolls Royce की कहानी
महाराजा जय सिंह जब 1920 में लंदन घूमने गए तो उन्होंने उस समय की दुनिया के सबसे महंगी कार Rolls Royce की सवारी करनी चाही तो उन्होंने अपने नौकर और महाराजा के जीवन को होटल में छोड़ कर साधारण लिबास और आम आदमी बन कर Rolls Royce के शो रूम में चले गए अंदर जाने से पहले ही उनको शो रूम के सुरक्षाकर्मी ने उन्हें अन्दर जाने से रोक दिया और अपमानित कर उनको वहां से भागा दिया जिसको महाराजा ने अपने दिल पे ले लिया और इसका बदला लेनी की सोची.
महाराजा अपने होटल वापस आ गए और अपना वास्तविकरूप धारण कर अपने मंत्री को कहा कि Rolls Royce कार का शो रूम चलना है वहां खबर पहुंचा दो ये ख़बर मिलते ही शो रूम में राजा के आगमन का स्वागत करने के लिए तैयारी शुरू हो गई. राजा शो रूम पहुंचे और उन्होंने एक साथ सात Rolls Royce कार को खरीद ली और शो रूम के मालिक को कहा कि इसे हमारे राज क्षेत्र में भेज देना. गाड़ी कुछ दिनों बाद अलवर आ गई राजा की गुस्सा अभी शांत नहीं हुआ था.
उन्होंने सभी Rolls Royce कार को अलवर नगरपालिका को दे दिया और आदेश दिया कि शहर के सारे कचरा इसी गाड़ी से उठाया जाए और यही हुआ भी,अब इसकी खबर पूरे दुनिया में आग की तरह फैल गई इसके बाद कम्पनी को ऑर्डर मिलना कम हो गया पाॅपुलेरटी कम होने लगी सारे जगह कम्पनी की बदनामी होने लगी,तब कम्पनी का मालिक भागे-भागे महाराजा के पास आया और क्षमा मांगी तब राजा ने माफ किया और गाड़ी से कचरा नहीं उठाने का आदेश दे दिया. जिसके बाद कम्पनी मालिक ने महाराजा को उपहार स्वरूप सात Rolls Royce दिया
1937 में 54 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया। वह एक दूर के रिश्तेदार, तेज सिंह प्रभाकर बहादुर द्वारा सफल हुए.
Maharaja Jai Singh Prabhakar FAQ
Maharaja Jai Singh Prabhakar कहाँ के राजा थे ?
महाराजा जय सिंह उलवर (अलवर, राजस्थान) के राज्य थे.
Maharaja Jai Singh Prabhakar का जन्म कब हुआ था ?
महाराजा जय सिंह जी का जन्म 14 जून 1882 को हुआ था.
Maharaja Jai Singh Prabhakar का 2022 में कौन सी जयंती मनाई जाएगी ?
आज महाराजा जय सिंह जी की 140 वीं जयंती पुरे भारत में धूम धाम से मनाई जा रही है.
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