Sarswati Puja Essay विद्या के देवी मां सरस्वती जी की पूजा स्कूल कॉलेज आदि में छात्रों और शिक्षकों द्वारा किया जाता है मां सरस्वती की पूजा हरेक छात्रों को करनी चाहिए तो आइए जानते हैं सरस्वती पूजा संबंधी बातों को…
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Sarswati Puja Essay (सरस्वती पूजा पर निबंध)
हिन्दु धर्म में हिंदी महीना के अनुसार माघ महीने में वसंत ऋतु के पाँचवी तिथि को विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा की जाती है यह पर्व हिन्दु धर्म के साथ साथ शिक्षण संस्थनों में भी धूमधाम से मनाया जाता है। सरस्वती पूजा भारत के साथ साथ पड़ोसी देश नेपाल में भी धूम धाम से मनाया जाता है।
इस दिन विद्यार्थी लोग मां सरस्वती की पूजा अर्चना करते हैं और मां सरस्वती से भविष्य में सफल होने का आशीर्वाद की कामना करते हैं। सरस्वती पूजा को वसंत पंचमी के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि दुनिया में कोई भी व्यक्ति जो सफल हुआ है चाहे वो कोई भी क्षेत्र को सभी को मां सरस्वती जी का आशीर्वाद मिला हीं है इनके बिना आशीर्वाद के कोई भी मुमकिन नहीं है।
Importance Of Sarswati Puja (सरस्वती पूजा का महत्व)
देश में सरस्वती पूजा का महत्व बेहद हीं महत्वपूर्ण माना जाता है जैसे कोइ शुभ काम करते है तो गणेश जी कि पूजा अर्चन करते हैं ठीक उसी तरह छात्र जीवन में किसी किसी भी चीज कि शिक्षा ग्रहण कर रहा हो कोई भी बिना मां सरस्वती के आशीर्वाद के सफल नहीं हो सकता।
मां सरस्वती कि पूजा ऐसे मौसम में आता है कि चारों तरफ हरियाली हीं रहती है सूर्योदय कि किरणें चेतना कि एक नई ऊर्जा प्रदान करती है जिससे हम सब के शरीर में एक सकरात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
Sarswati Puja Story (सरस्वती पूजा की कहानी)
Sarswati Puja Story पौरानिक कथायों के अनुसार इस दिन कामदेव और रति की पूजा करने से दाम्पत्य जीवन सुखमय बीतता तो और खुशियों का आगमन होता है कहा यह भी जाता है कि जिन लोगों के शादी में देरी या कोई अड़चन हो रही है उन्हें वसंत पंचमी को पूजा करने से उनकी सारी समस्या का निवारण मिल जाता है।
मां सरस्वती हिन्दु धर्म के प्रमुख वैदिक और पौराणिक देवियों में से एक हैं सनातन धर्म में मां सरस्वती की दो रूपों का वर्णन मिलता है पहल ये की सरस्वती ब्रह्म जी की पत्नी हैं और दूसरा ब्रहा जी की पुत्री सरस्वती जी हैं। ब्रह्म जी की पत्नी ऐसे इस लिए कहा जाता है कि सरस्वती मूल का प्रकृति का उत्पन महाशक्ति व प्रमुख त्रिदेवियों में से एक मानी जाती हैं जबकी सरस्वती ब्रह्म जी के जीव्हा से प्रकट होने के कारण उन्हें पुत्री के रूप में सम्बोधित किया गया है हलांकि दोनों देवियों के रूप या पूजा अलग नहीं होते हैं।
Sarswati Puja 2022 Shubh Muhurt And Puja Vidhi (सरस्वती पूजा 2022 मुहूर्त और पूजा विधि)
Sarswati Puja 2022 में 05 फरवरी दिन शनिवार को मनाया जायेगा. इस दिन सरस्वती पूजा करने का शुभ समय सुबह 07:19 से दोपहर 12:35 तक हीं रहेगा. इस दौरान माँ सरस्वती पूजा करना शुभ होगा।
Sarswati Puja Vidhi 👉🏻 दिन सुबह स्नान करने के बाद पीले रंग के वस्त्र धारण करें.
👉🏻 सरस्वती माता की पूजा और व्रत का संकल्प लें. इसके बाद एक चौकी पर पीले रंग का कपड़ा बिछाकर मां सरस्वती की प्रतिमा या मूर्ति रखें.
👉🏻 पीले वस्त्र, पीला चंदन, हल्दी, केसर, हल्दी से रंगे पीले अक्षत, पीले पुष्प मां को अर्पित करें.
👉🏻 इस दिन मां शरदे को पीले रंग के मीठे चावल का भोग लगाएं.
👉🏻 मां की आरती और वंदना करके आशीर्वाद प्राप्त करें.
Saraswati Puja Mantra
या कुंदेंदु-तुषार-हार-धवला, या शुभ्रा – वस्त्रावृता,
या वीणा – वर – दण्ड – मंडित – करा, या श्वेत – पद्मासना।
या ब्रह्माच्युत – शङ्कर – प्रभृतिभिर्देवै: सदा वन्दित,
सा मां पातु सरस्वती भगवती नि: शेष – जाड्यापहा।।
Attitude Status Of Sarswati Puja