आप सबको एक ऐसी व्यक्ति की कहानी सुनाने जा रहा हूं,जिसे आप सब जानते तो होंगे Sushant Singh Rajput जो की जिंदा दिल इंसान थे ये नहीं जानते होंगे तो चलिए शुरू करते हैं..
इनका जन्म बिहार के जिला पटना में कृष्णा कुमार सिंह और उषा सिंह के घर 21 जनवरी 1986 को हुआ था। ये कुल चार बहन और एक भाई थे इनकी बहनों में से एक, मितु सिंह,जो की राज्य स्तरीय क्रिकेटर थीं। इनकी माँ के मौत के बाद पूरा परिवार टूट गया था और पूरा परिवार पटना से दिल्ली बस गया.
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Sushant Singh Rajput पढ़ाई में होशियार थे
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उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा पटना के सेंट करेन्स हाई स्कूल तथा दिल्ली के कुलाची हंसराज मॉडल स्कूल से ग्रहण की। उनके अनुसार, 2003 में उन्होंने दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा में साँतवा स्थान प्राप्त किया था और अभियान्त्रिकी में स्नातक की डिग्री के लिए उन्होंने इसमें दाखिला लिया। वे भौतिकी के राष्ट्रीय ओलिंपियाड के विजेता भी रह चुके हैं।
उन्होंने भारतीय खनिज विद्यापीठ विश्वविद्यालय समेत कुल 11 इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाएं पास की। थियेटर और नृत्य में शामिल होने का कारण उनके पास अध्ययन के लिए कम समय बचता, जिससे उनकी पढ़ाई में रुकावटें आईं और उन्होंने विश्वविद्यालय छोड़ दिया। अभिनय में अपना करियर बनाने के लिए उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के चार वर्ष के कोर्स में से सिर्फ तीन वर्ष पूरे कर उसे छोड़ दिया।
Sushant Singh Rajput को कला और अभिनय में रुचि थी
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विश्वविद्यालय में छात्र रहते हुए उन्होंने श्यामक दावर की नृत्यशाला में दाखिला लिया। नृत्यशाला में उनके कुछ सहपाठी अभिनय में रुचि रखते थे तथा वे बैरी जॉन की नाटक की कक्षाओं में शामिल होते थे, यहीं से सुशांत के मन में अभिनय में करियर बनाने का विचार आया।
2005 में उन्हें 51वें फिल्मफेयर अवॉर्ड के लिए श्यामक दावर के डांस ट्रूप में शामिल होने का मौका मिला।
टेलीविजन पर (2008-2011)
2008–2009: किस देश में है मेरा दिल.
2009–2011: पवित्र रिश्ता
2010–2010: ज़रा नचके दिखा
2010–2011: झलक दिखला जा 4
इन्होंने अपना कैरियर की शुरूवात तो 2008 में ‘किस देश में है मेरा दिल’ से कर दिया था लेकिन इनकी पहचान 2009 में आई ‘पवित्र रिश्ता’ से मिला इस सीरियल में इनके साथ अंकिता लोखंडे थी जो हर घर में अब इन दोनों की चर्चा होने लगी.
इसी दौरान सुशांत सिंह और अंकिता लोखंडे के बीच रील लाइफ से जुड़े रहने से रियल लाइफ में भी एक दूसरे से प्यार करने लगे और टीवी जगत की सबसे हिट जोड़ी में इनकी गिनती भी होने लगी थी तभी इन्होंने ये सोचा की अब टीवी जगत से आगे निकलना चाहिए और उन्होंने टीवी से ब्रेक लेकर लगातार अपने आप पर काम करने लगे और 2013 में इनको एक मूवी हाथ लगी और फिर कभी पीछे मुड़कर भी नहीं देखा.
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बड़े पर्दे पर (2013-2020)
2013 में काय पो छे,शुद्ध देसी रोमांस
2014 में पीके
2015 में डिटेक्टिव ब्योमकेश बक्शी
2016 में एम.एस. धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी
2017 में राब्ता
2018 में वेलकम टू न्यू यॉर्क,केदारनाथ
2019 में सोनचिड़िया,छिछोरे,ड्राइव
2020 में दिल बेचारा जो की अंतिम फ़िल्म रही और रिलीज से पहले ही सुशांत सिंह राजपूत का निधन हो गया।
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Sushant Singh Rajput डिप्रेशन का हुए शिकार
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बॉलीवुड में एक बात की हमेशा चर्चा होती है की यहां वंशवाद को बढ़ावा दिया जाता है,सुशांत सिंह का कोई फिल्म जगत में कोई पृष्ट भूमि नहीं थी इनका इस कार्य के प्रति जो मेहनत और लगन थी उसके दम पर इन्होंने अपना कैरियर बनाया और खुशहाल भी रहने लगे थे.
किंतु एक कहावत तो आप सब जानते ही होंगे की ‘अपनी दुख से जितना लोग दुखी नहीं होते उतना दूसरे की खुशी से दुखी होते हैं’ यही बात इनके साथ भी हुआ मुंबई के कुछ लोकल समाचार पत्र में इनके खिलाफ लगातार समाचार छपते रहते थे और हमेशा कोई प्रोग्राम हो वहां इनको बुलाकर इग्नोर कर दिया जाता था जिसके बारे में हमेशा सोच सोच कर ये अवसादग्रस्त हो गए.
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Sushant Singh Rajput बहुत ही जिंदादिल इंसान थे वो अपने जन्मस्थली पटना के गरीब बच्चों के लिए अपने मां की याद में एक स्कूल और अस्पताल बनाने वाले थे लेकिन प्रकृति को कुछ और ही मंजूर थी, घर के नौकरों द्वारा बताया जाता है की 14 जून 2020 की सुबह करीब 9 बजे जूस लिया और अपना रूम अंदर से बंद कर लिए और जब खाने में क्या बनाना है पूछने के गया तो वो दरवाजा नहीं खोले,जब दरवाजा खोला गया तो देखा गया की वो पंखा से एक कपड़ा के सहारे लटके पड़े हैं.
CBI इस केस को जांच कर रही है अभी तक किसी भी व्यक्ति पर CBI संदेह नहीं कर रही है.
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