Desi Kahani Stories: आज की कहानी तीन औरतों की है जो अपने विचार और सूझ बूझ से अपनी किस्मत को बदलती हैं तो आइए जानते हैं उनकी कहानी..
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Desi Kahani Stories | तीन औरतों की कहानी
एक गाँव की तीन औरतें तालाब में पानी लेने गईं। तीनों के पास तीन बड़े-बड़े घड़े थे। पानी लाना उनका रोज का कमा था। एक दिन तालाब में पानी बहुत कम था। कमला और विमला ने पानी पहले ही भर लिया। लेकिन सीमा के पानी का घड़ा किसी तरह भर पाया।
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वे पानी लेकर लौटने लगी, तो रास्ते में आम का पेड़ था पेड़ से एक आवाज आई-“क्या कोई मुझे पानी पिलाएगा?” कमला और विमला झल्लाने लगीं। उन्होंने कहा-“हमारा पानी हमारे बच्चों के लिए है। अपनी प्यास बुझाने के लिए बादलों का रास्ता देखो।” पर सीमा ने कहा-“बादल न जाने कब आए और बरसे,मैं अपना पानी इसे पिला देती हूँ।” उसने घड़े का पानी पेड़ के तने में डाल दिया। खुशी से आम की डालियां झूम उठीं।
Moral Story In Hindi | Desi Kahaniyan
सीमा दोबारा पानी लेने चली गई। तालाब में पानी बेहद कम था। काफी समय बीतने पर सीमा का घड़ा भर पाया। तीनों फिर से साथ-साथ घर की ओर बढ़ने लगीं। जैसे हीं तीनों पेड़ के पास पहुंचे तो फिर से आवाज़ आई रुको यह सुनकर तीनों औरते रुक जाती हैं और इसके बाद आम के पेड़ से आवाज आई.
पेड़ ने कहा-“बहन, तुमने मेरी प्यास बुझाई है। लो,अपने बच्चों के लिए फल लेती जाओ ।” इतना कहते हीं पेड़ से कई आम नीचे गिर पड़े। सीमा ने आम अपने आंचल में आम बांधे और आगे बढ़ गई। अंत में जामुन का पेड़ आया। जामुन ने कहा-“मेरी अच्छी बहन, आंचल में जगह बची हो, तो कुछ जामुन भी लेती जाओ।”कुछ जामुन नीचे आ गिरे, तो सीमा ने उन्हें भी किसी तरह अपने आंचल में लपेट लिया। वह घर आ गई।
Best Story In Hindi | Kids Motivational Story
बच्चों ने इतने सारे फल देखे, तो वे खुशी से झूम उठे। मगर जब उन्होंने घड़ा देखा तो पूछा-“मां, तुम पानी क्यों नहीं लाई? क्या हम फल खाकर प्यासे ही रहेंगे?” मां ने सारी बातें बता दी। बच्चों ने मां को दिलासा दिया। कहा-“मां, घबराओ मत, ये फल ही हमें पानी लाकर देंगे।” तभी दरवाजे पर दस्तक हुई।
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सीमा के बड़े बेटे ने देखा कि कमला और विमला वहां खड़ी हैं। उन्होंने कहा-“बेटा, घर में कुछ खाने का हो, तो मां से पूछकर दे दो। हमारे बच्चे भूखे हैं।” बड़े बेटे ने कहा-“पहले आधा घड़ा पानी लाओ, तब मैं आपको थोड़े फल दूँगा।”कमला और विमला फटाफट आधा-आधा घड़ा पानी ले आईं। लड़के ने पानी लेकर उन्हें कुछ फल दे दिए। दोनों उसे दुआएं देकर लौट गईं।
कल भला तो हो भला (Desi Kahani Stories)
बच्चों ने माँ से कहा- ”माँ , अब हमारे पास फल भी हैं और पीने के लिए पानी भी। आओ, हम लोग फल खाएं।”तभी दरवाजे पर फिर कोई आवाज आई। इस बार वहां एक फकीर बाबा खड़े थे। फकीर ने कहा-“मैं भूखा और प्यासा हूँ। क्या कुछ मिलेगा?”बच्चे दौड़कर फल और पानी ले आए।
फकीर फल खाकर और पानी पीकर बड़े खुश हुए। उन्होंने दुआ देते हुए कहा- “तुम्हारा रहम कभी बेकार नहीं जाएगा। तुम सभी हमेशा आबाद रहोगे।” फकीर बाबा के चले जाने के बाद माँ और बच्चे बचे हुए फल खाने लगे और पानी पीने लगे। उन्हें इन चीजों में एक गजब का स्वाद मालूम हो रहा था।
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निष्कर्ष: इस कहानी से हमें यही सिख मिलती है की हमें जब भी मौका मिले तो किसी भी जीव, जन्तु, पेड़ पौधे या प्राणी को सेवा करने का मौका मिले तो उसे जरूर करना चाहिए न जाने कब हमारी किस्मत किसके आशीर्वाद से खुल जायेगी। हम सब को अपने जो कुछ बनता है उसी से सेवा जरूर करनी चाहिए वो भी दिल से दिखावें के लिए नहीं.
आपको यह कहानी कैसी लगी आपके विचारों का इंतेजार रहेगा आप जरूर कमेंट करें धन्यवाद 🙏..
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