आज की कहानी Shri Premanand Ji Maharaj की जिन्होंने ऐसा पैमाना स्थापित किया की कोई ये नहीं कह सकता की ईश्वर में शक्ति नहीं है या ईश्वर को प्राप्त नहीं किया जा सकता.
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Shri Premanand Ji Maharaj Point
Shri Hit Premanand Ji Maharaj Story
इनसे मिलिये, ये हैं, #प्रेमानंद जी महाराज। इन दिनों सोशल मीडिया पर छाए रहते हैं। 💥
इनकी दोनों #किडनी पिछले 17 साल से फेल है। इस कारण उन्होंने अपनी एक किडनी का नाम राधा और दूसरे का नाम कृष्ण रख लिया।
Premanand Ji Maharaj Biography In Hindi
Name | Shri Hit Govind Premanand Ji Maharaj |
Childhood Name | Aniruddh Kumar Pandey |
Age | 60 years |
Birth Place | Sarso, Kanpur, Uttar Pradesh |
Mother’ Name | Smt. Rama Devi |
Father’s Name | Shri Shambhu Pandey |
Living Place | Vrindavan |
Aashram | Vrindavan |
Maharaj’s Guru | Shri Gaurangi Sharan Ji Maharaj |
Maharaj Ji YouTube Ch. | Bhajan Marg |
Maharaj Ji Website | Visit Now |
Shri Premanand Ji Maharaj Facts
श्री प्रेमानंद जी महाराज किसके भक्ति भाव विभोर रहते हैं ?
श्री प्रेमानंद जी महाराज एक बेहद हीं सुलझे हुए महाराज हैं और इन्होंने अपने जीवन को राधा रानी और
प्रेमानंद जी महाराज क्यों प्रसिद्ध है?
प्रेमानंद जी महाराज जी राधा रानी के भक्ति में विभोर हैं और रात दिन उन्हीं के सुमिरन करते हैं. महाराज जी इतने सरल और सभ्य शब्द का उपयोग करते हैं की कोई भी व्यक्ति बहुत हीं ध्यान से सुनता है. इसी कारण इनकी कई वीडियो क्लिप सोशल मीडिया में वायरल हो गई जिससे लोग काफी पसंद करने लगे.
प्रेमानंद महराज जी का आश्रम का पता
प्रेमानंद जी महाराज के आश्रम का पता है वराह घाट, श्री हित राधा कालीकुंज परिक्रमा मार्ग, भक्ति वेदांत के सामने, धर्मशाला, कई अन्य स्थान है जहां प्रेमानंद जी महाराज आश्रम का निवास करते हैं।
प्रेमानंद जी महाराज कौन सी दीक्षा प्राप्त किए हैं ?
प्रेमानंद जी महाराज ने जीवन भर निष्ठावान और ब्रह्मचर्य जीवन जीने का निर्णय लिया हुआ है और इसी कारण उन्होंने नैष्ठिक ब्रह्मचर्य की दीक्षा प्राप्त की है।
फिलहाल हर दिन इनका डायलिसिस होता है। इनकी उम्र 60 साल है। ये आज भी हर दिन सुबह 3 बजे वृंदावन की 3 से 5 किलोमीटर की परिक्रमा करते हैं।
17 साल पहले ही डॉक्टर ने इन्हें कहा था, की आपका जीवन कभी भी समाप्त हो सकता है। लेकिन फिर भी ये राधा नाम जपते जपते चल रहे है।
बचपन से ही प्रेमानंद जी चालीसा का पाठ करते थे। जीवन का असल कारण तलाशने के लिए उन्होंने एक दिन रात को अपना घर त्याग दिया। उस वक्त वह सिर्फ 13 साल के थे।
इसी दौरान उन्हें एक संत मिले जो, जिन्होंने प्रेमानंद जी को रास लीला में शामिल होने को कहा।
Shri Premanand ji Maharaj: श्री प्रेमानंद महाराज जी का नाम राधा रानी के परम भक्तों में से एक हैं. जो भक्त इनके सतसंग को मन लगाकर सुनता है उन्हें अवश्य ही राधारानी के दर्शन हो जाते हैं. परम पूज्य प्रेमानंद माहाराज जी का जन्म कानपुर के एक गांव सरसों में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था. महाराज जी का नाम अनिरुद्ध कुमार पांडे था. इनके पिता और दादा दोनों की सन्यासी थे. इनकी मां धर्म परायण थी. इनके माता-पिता साधु-संतों की सेवा करते थे और आदर सत्कार भी करते थे.
कुछ समय में ही महाराज ने आधात्यम का रास्ता चुन लिया और श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी का जप करना शुरू कर दिया. इसी के साथ उन्होने अपना घर त्याग दिया.ऐसा माना जाता है कि भोलेनाथ ने स्वंय प्रेमानंद जी को दर्शन दिए और उसके बाद वो वृंदावन आए.