My Story: मेरी सुहागरात के दिन पत्नी ने नहीं साली ने मोर्चा संभाला (1)

My Story: सुहागरात में जब पत्नी ने पति का साथ नहीं दिया तो साली ने अपनी बहन की लाज बचाते हुए जीजा का साथ दिया और सुहागरात फिर मनी आइए जानते हैं पूरी कहानी..

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My Story Animated मैने पत्नी से नहीं साली के साथ मनाई सुहागरात

My Animated Story
My Life Story

यह कहानी सुनने में बहुत अजीब लगेगा लेकिन है यह हकीकत. यह कहानी है झारखंड के एक छोटे से गांव की जहां एक शख्स जिनका नाम सुमन (काल्पनिक नाम) है उन्होंने हमें Email के माध्यम से अपनी निजी जीवन की कहानी बताया जो मैं आप सब के समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूं. सुमन बताते हैं कि उनकी शादी बगल के हीं एक गांव में 20 वर्षीय लड़की सरिता (काल्पनिक नाम) से तय हुई.

सुमन के परिवार में अकेले भाई हैं वहीं सरिता दो बहन हीं थी जो सरिता थी वो बड़ी और एक छोटी थी. सुमन और सरिता की शादी को तारीख दो महीने आगे थी तो इस दो महीने में खरीदारी भी करनी थी. दोनों परिवार का बाजार एक हीं लगता था जिसके कारण रोज एक दूसरे के परिवार मिल जाया करते थे.

इसी क्रम में सरिता की जो छोटी बहन थी जो अपने मां के साथ हमेशा बाजार जाया करती थी वो अक्सर सुमन की देख लेती जिसके कारण सुमन और सरिता की छोटी बहन में बात चीत हो जाती थी. लेकिन सरिता और सुमन शादी से पहले कभी एक दूसरे के साथ नहीं मिले थे. सरिता संस्कारी होने के साथ साथ शर्मीली भी थी लेकिन जो उसकी बहन थी वो सुमन की हर बात बता देती थी.

अब शादी के दिन नजदीक आ गए थे तैयारियां भी सब कुछ हो गया था अब इंतजार था तो उस घड़ी की जिसका इंतेजार सभी तो था रात में बारात आई और शादी संपन्न हुआ सुबह जब सरिता के घर वाले सरिता की बिदाई कर रहे थे तब सरिता बहुत रो रही थी जिसके कारण बिदाई नहीं हो रही थी.

ऐसे में फिर सरिता के साथ छोटी बहन को भेजा गया ताकि सरिता चुप हो सके और एक दो दिन में वापस आ जायेगी तब तक सरिता का मन भी वहां लग जायेगा. अब शादी संपन्न होकर बारात वापस आ गई थी. सुमन के घर वाले सरिता और सुमन के अभिवादन के रूप में अच्छी पकवान बनाई गई थी सभी लोग खाए और अपने-अपने घर घर गए.

अब वो घड़ी आ चुकी थी जिसका इंतेजार एक लड़का लड़की सालों से करते हैं वो है सुहागरात‘. शाम हो चुकी थी मेरे घर में कुल पांच लोग हीं थे जिसमें माता-पिता, सरिता-सुमन, और सरिता की बहन बस. अब सोने की तैयारी शुरू हो रही थी तो सरिता की बहन को एक अलग कमरे मिला और सुमन के माता पिता अलग कमरे में चले गए अब इधर सुमन और सरिता भी अपने कमरे की कीली लगा दी.


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सुहागरात में अड़चन (My Life Story In Hindi)

सरिता पहले से हीं बेड पर घुंघट ओढ़े बैठी थी इधर से सुमन बेड पर जाकर बैठता है इसके बाद सुमन सरिता का घुंघट उठता है और बोलता है ‘बहुत सुंदर’ इसके बाद सुमन, सरिता को गले की हार देता है जिससे पाकर सरिता बहुत खुश होती है इसके बाद दोनों कुछ देर बात करते हैं फिर सुहागरात की जो रस्म होती है उसे पूरा करने में लग जाते हैं.

कुछ देर बाद सुमन छत पर आ गया जहां हल्की हल्की हवा आ रही थी लेकिन सरिता नहीं आई. सुमन थोड़ा टेंशन में दिख रहा था तभी सरिता की बहन अपने कमरे से पानी पीने के लिए निकली तो देखी कोई छत पर है जिसके बाद वो भी छत पर आ गई. आते हीं पूछी…जीजा जी आप यहां क्या कर रहे हैं ?, जिसपर जवाब देते हुए सुमन बोला की कुछ नहीं बस यूं ही.

फिर सरिता की बहन ने पूछा क्या हुआ टेंशन में दिख रहे हैं तो सुमन ने फिर नकार दिया. लेकिन साली मान हीं नहीं रही थी बार बार पूछे जा रही थी. कुछ देर बाद सुमन ने बोला की सरिता बेड पर मुझे सहयोग हीं नहीं कर रही है इसलिए तोड़ा टेंशन में हूं खैर जाने दो जाओ सो जाओ. जिसपर सरिता की बहन ने बोला की बस इति सी बात है टेंशन न लीजिए मैं हूं न.

साली के साथ सुहागरात (Honeymoon With-sister In Lllaw Not Wife)

मैं किस दिन काम आऊंगीं ये कहकर सरिता की बहन सुमन को बाहों में भर लेती है जिसपर सुमन अचंभित हो जाता है लेकिन फिर भी ये सुनकर सुमन के मन में खुशी की लहर उठती है फिर वहीं छत पर दोनों एक दूसरे को किस करते हैं और उत्तेजना से भरपूर होने के बाद सरिता की बहन सुमन को अपने रूम में ले जाती है और दोनों प्यार का भरपूर आनंद उठाते हैं करीब एक घंटे बाद सुमन वापस अपने रूम में सरिता के पास जाता है.

जहां वो पता है की सरिता बेसुद बेड पर सोई है सुमन भी पास में सो जाता है. इस तरह से सुहागरात में पत्नी के जगह साली ने मोर्चा संभाल लिया. सरिता सुबह उठकर स्नान कर सभी के लिए चाय नाश्ता बनती है लेकिन अभी तक सरिता की बहन नहीं उठती है फिर सरिता उसे जा कर उठती है सभी लोग खुश थे।

इस कहानी को आप सब को इसलिए बताया गया है की रिश्तों में क्या क्या हो सकते हैं उसके बारे में आप भी जान सकें इस कहानी को प्रसारित करने का मुख्य उद्देश्य सिर्फ मनोरंजन है न की किसी के भावना को आहत करना.

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