Ek Raat Devar Ke Sath | Best Love Story Hindi | Romantic Couples Stories (1)

Ek Raat Devar Ke Sath: यह कहानी है देवर और भाभी के बीच की जो भाभी है उनके पति कभी अपनी पत्नी पर ध्यान हीं नहीं देते जिसके कारण पत्नी अपनी मन की इच्छा को हमेशा मार के रहती है आगे क्या होगा आइए जानते है इस कहानी के इस भाग में..

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Ek Raat Devar Ke Sath: देवर भाभी की बोलती कहानी

मैं एक विवाहित महिला हूं। मैं अपनी शादी में बिल्कुल भी खुश नहीं हूं। ऐसा इसलिए क्योंकि मेरे पति मुझ पर कभी भी ध्यान नहीं देता है। वह अपनी छोटी सी दुनिया में मग्न रहता है। मैं उनका साथ पाने के लिए हर दिन भीख मांगती रहती हूं। शायद इसका एक कारण यह भी है कि हमारी अरेंज मैरिज हुई थी। इसलिए उसे मुझसे कभी भी लगाव नहीं हुआ।

 

हालांकि, मुझे भी इस शादी में कोई खास दिलचस्पी नहीं थी, लेकिन मैं इसके बाद भी राजी हो गई। ऐसा इसलिए क्योंकि मेरे माता-पिता इस रिश्ते से बहुत खुश थे। यही एक वजह भी है कि हम कभी भी एक-दूसरे के प्रति आकर्षित नहीं हुए।

 

हम केवल नाम के विवाहित जोड़े हैं, जो दूसरे लोगों की तरह एक ही घर और छत के नीचे रहते हैं। हम कभी-कभार ही सेक्स करते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि वह एकदम उबाऊ आदमी है। उसे रोमांस के नाम पर कुछ भी नहीं आता है।


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हम शादी के बाद केवल अपने हनीमून पर गए थे, उसके बाद हम आजतक कभी भी एक साथ बाहर नहीं गए। सच कहूं तो उसका मंदबुद्धि व्यक्तित्व मुझे हर दिन उससे घृणा करने के लिए मजबूर करता है।

 

वह केवल अपने काम में डूबा रहता है। उसका काम ऐसा है, जिसकी वजह से उसे ऑफिस जाने की जरूरत भी नहीं पड़ती। इसलिए वह घर पर ही आराम करता रहता है।

 

यही एक वजह भी है कि उसे दिन के हर मिनट में अपने कमरे में देखकर मुझे बहुत ज्यादा निराशा होती है। वह बस बैठता है और काम करता है। यहां तक कि लैपटॉप के सामने खाना भी खा लेता है। वह एकदम आलसी और सुस्त है।

 

उसे केवल एक चीज पसंद है, वह है घर में बंद रहना। ऐसा नहीं है कि हमने इस बारे में बात करने की कोशिश की, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ।

मैंने उसे इतने हिंट दिए कि हमें साथ में डेट पर जाना चाहिए, लेकिन उसका रवैया ज्यों का त्यों है। (सभी तस्वीरें सांकेतिक हैं, हम यूजर्स द्वारा शेयर की गई स्टोरी में उनकी पहचान गुप्त रखते हैं)

पति से नहीं बल्कि देवर से प्यार है

इस कहानी में ट्विस्ट यह है कि मेरी निगाहें मेरे पति को नहीं बल्कि कमरे से बाहर मेरे देवर को ढूंढती रहती हैं। दरअसल, मेरा देवर बेहद हैंडसम-यंग और फिट है। उसका व्यक्तित्व अपने बड़े भाई के बिल्कुल विपरीत है।

मुझे कभी-कभी आश्चर्य भी होता है कि इन दोनों भाइयों के बीच इतना गहरा अंतर कैसे हो सकता है। मेरा देवर महत्वाकांक्षी-आत्मविश्वासी और बहुत ही सामाजिक है। वह बाहर जाना पसंद करता है। वह अक्सर अपने दोस्तों के साथ घूमने का प्लान बनाता है।

यही नहीं, वह जब भी काम पर जाता है, तो इतना अट्रैक्टिव लगता है कि मैं खुद को उसकी तरफ आकर्षित होने से रोक नहीं पाती हूं। हालांकि, मैं मानती हूं कि यह सब बहुत गलत है।

लेकिन जब आपके पास एक ऐसा पति होता है, जो पर बिल्कुल ध्यान नहीं देता, तो आपका ध्यान किसी दूसरे व्यक्ति पर जाना लाजमी है।

मैंने अपने देवर के लिए व्रत रखा

मैं आपसे छिपाना नहीं चाहती मुझे अपने देवर से प्यार हो गया है। उसमें वह सब कुछ है, जो मैं अपने जीवन साथी से चाहती थी। हमारे व्यक्तित्व पूरी तरह से मेल खाते हैं।

 

वह मेरे साथ हंसता है, मजाक करता है और यहां तक कि मेरे पति को मुझे यात्रा पर ले जाने के बारे में भी बोलता रहता है। लेकिन इसके बाद भी उस पर इन बातों का कोई असर नहीं होता।

 

यह सब चल ही रहा था कि करवाचौथ नजदीक आ गया। ऐसे में मुझे अच्छे से पता था कि मेरे मन में किस आदमी के लिए भावनाएं हैं। वह मेरा पति तो बिल्कुल नहीं था।

 

ऐसे में मैंने उसके लिए करवाचौथ का व्रत भी नहीं किया। मैंने पूरे दिन उपवास रखा और जब उपवास तोड़ने का समय आया, तो मैंने झूठ बोला कि गलती से मेरी आंख में कुछ चला गया।

 

मैं इस रिश्ते को आगे बढ़ाना चाहती हूं

 

इस दौरान मैंने अपने पति के चेहरे की ओर देखने से परहेज किया। मैंने चतुराई से पहले अपने देवर की तरफ देखा फिर चांद को देखने के बाद मैंने अपना व्रत खोल लिया।

 

हालांकि, किसी को भी इस बात का एहसास नहीं हुआ कि मैंने किसके लिए करवाचौथ का व्रत रखा। मेरा मानना है कि यह महसूस करने की दिशा में पहला कदम था कि मेरे देवर के लिए मेरी भावनाएं क्या हैं?

 

मैं उसे बताना चाहती हूं कि मैं उससे बहुत ज्यादा प्यार करती हूं। मुझे बस अपनी इच्छाओं पर काम करने का एक तरीका निकालने की जरूरत है।

 

चाहे इसमें तलाक हो, अलगाव हो या अफेयर। मैं फैसला लेने के लिए बिल्कुल तैयार हूं। मैं अपने पति के साथ नहीं रहना चाहती। मुझे उससे बिल्कुल भी प्यार नहीं है।

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