Sasur Bahu Romance: मैं एक शादीशुदा लड़की हूं और मेरी शादी को महज 3 ही साल हुए हैं लेकिन पति विदेश में चला गया है जिसके बाद मैंने अपने ससुर के साथ संबंध बनाए। अब मैं ससुर से गर्भवती हो गई हूं मैं क्या करुं ?
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Sasur Bahu Romance Point
Sasur Bahu Romance Story In Hindi
ये कहानी चंडीगढ़ की रहने वाली पूजा की है। दरअसल पूजा की शादी करीब तीन साल पहले मोहित के साथ हुई थी। मोहित शादी के बाद विदेश चला गया जिसके बाद पूजा अपने ससुराल और मायके के बीच रह गई। पूजा के शादी के अरमान भी पूरे नहीं हुए।
पूजा (Desi Kahani 2) ने अपनी जीवन की वास्तविक घटना को सांझा किया है। पूजा ने बताया कि पति के दूर जाने का दर्द उसने करीब एक साल तक सहन किया लेकिन बाद में वो धीरे धीरे अपने ससुर के साथ संबंधों में आ गई। ससुर की उम्र करीब 45 साल है और ससुर शरीर से मजबूत है।
पूजा ने बताया कि एक रात को करीब 11 बजे वह अपने कमरे में सोने जा रही थी तभी अचानक उसकी नजर अपने ससुर के कमरे में गई। ससुर और सास रोमांस कर रहे थे। सास के साथ ससुर बहुत तेजी से रोमांस कर रहे थे जिसके बाद मेरा भी मन मचलने लगा। पूजा ने वहां पर छुपकर करीब एक घंटे तक सास ससुर का रोमांस देखा।
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अब पूजा का ससुर पर दिल आने लगा था जिस प्रकार से ससुर का घोड़ा तेजी से सास पर चल रहा था उसी तरीके से वह घोड़ा दौड़ाना चाहती थी इसलिए पूजा ने भी ससुर की सेवा करनी शुरु कर दी । दो चार दिन ही बीते थे कि वह बाथरुम से नहाकर निकल रही थी तो सामने ससुर आ गया। डर के मारे उसके हाथ से साड़ी का पल्लू छूट गया और उसका पूरा फीगर दिखने लगा।
अब तो पूजा ससुर के कमरे में जाकर पैर दबाने के बहाने ऊपर तक ससुर को सहलाने लगी। धीरे धीरे ससुर के भी अरमान जागने लगे थे। ससुर ने भी बहू की नियत को भांप लिया था। ससुर के पैर दबाते वक्त पूजा अपनी साड़ी का पल्लू सरका देती थी जिसके बाद तो गौरे बदन के दर्शन ससुर आराम से करता था।
कुछ दिन बाद अचानक सास को किसी काम से रिश्तेदारी में जाना हुआ। मैं और ससुर अब घर पर अकेले ही थे। दोपहर में सास के जाने के बाद खाना खाने के बाद दोनों अपने अपने कमरों में जाकर लेट गए। लेकिन मेरे अरमान ठंडे नहीं हुए थे। मुझे लगातार ससुर का तेज गति से दौड़ता हुआ घोड़ा आनंद दे रहा था।
Sasur Bahu Romantic Story (ससुर बहु की रोमांटिक कहानी)
रात का खाना खाने के बाद ससुर ने गुड नाइट बोला और अपने कमरे में सोने के लिए चले गए। मैंने भी घर का काम किया और सोने की तैयारी कर रही थी अचानक याद आया कि ससुर ने अपनी दवाई नहीं ली है जिसके बाद मैं ससुर की दवाई लेकर उनके कमरे में चली गई।
जैसे की मैंने कमरे का दरवाजा खोला तो ससुर बैड (desi kahani hindi) पर सो रहे थे और उनको नींद आ रही थी लेकिन ससुर का घोड़ा खड़ा जैसे किसी का इंतजार कर रहा था। मैंने ससुर के हाथ पर हाथ रखते हुए कहा कि ससुर जी आपने दवाई नहीं ली है दवाई ले लो।
इतना कहते ही ससुर खड़ा हो गया और मैं भी पास में बैठकर उनके पैर दबाने लगी। उन्होने दवाई ली और फिर बैड के तकिये लगाकर आधे लेट गए। मैं बैड पर बैठकर उनके पैर दबा रही थी। आज मेरे ब्लाऊज का गला काफी नीचा था और गौरे गौरे बदन और बीच की लाइन पूरी दिखाई दे रही थी।
मैंने ससुर के पैर दबाए तो ससुर ने भी मेरे कंधे पर हाथ रखते हुए कहा कि बहू तुम थक गई होगी जाकर आराम कर लो। जैसे ही ससुर ने मेरे कंधे पर हाथ रखा मेरे शरीर से गर्मी निकलने लगी। मैंने ससुर के पैर दबाते हुए थोड़ा और ऊपर तक पहुंच गई। ससुर ने मेरी कमर पर हाथ रखा तो मेरी सिसकिया निकलने लगी।
ससुर ने किया प्रिग्नेंट (Sasur Bahu Romance)
अब तो ससुर और मेरे बीच बहुत कम ही दूरी थी और धीरे धीरे में ससुर के पैर दबाते हुए ऊपर बढ रही थी। फिर मैंने कहा कि ससुर जी मुझे ऊपर के कमरे में अकेले नींद नहीं आ रही है तो मैं थोड़ी देर आपके पैर दबा देती हूं। मैं धीरे धीरे पैर दबा रही थी तो ससुर भी मेरे गौरे गौरे बदन का रोमांस ले रहा था।
कुछ ही देर बाद ससुर का हाथ मेरी नाभि पर आ चुका था और मेरा हाथ भी उनके पैरों से ऊपर की तरफ बढ रहा था। वो धीरे धीरे गर्म होने लग रहे थे तो अचानक उनका हाथ मेरी छाती पर आ गया और उनके मुंह से कुछ शब्द नहीं निकल रहा था। मेरी छाती पर हाथ आते ही जैसे आग की तरह शरीर गर्म हो गया।
ससुर का कठोर हाथ मेरी छाती पर आने के बाद वो धीऱे धीरे सहलाने लगा था और मेरी पैंटी गीली होने लगी। मैंने भी होश खो दिया था और मैं ससुर के चिपककर रोने लगी। ससुर को बताया कि उनका बेटा बिल्कुल संतुष्ट नहीं कर पाया है जिसके बाद ससुर को उस रात सास के साथ तेजी से घोड़ा दौड़ाने वाली घटना बता दी।
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ससुर भी समझ चुका था कि बहू के अंदर की आग बेटे ने शांत नहीं की है तो उसने कमर पर हाथ रखते हुए मेरा ब्लाउज खोल दिया। अब तो ब्रा का हुक भी टूटने को हो रहा था मेरी छाती फटने को हो रही थी। गर्मी से मेरा पूरा शरीर ऊबल रहा था जैसे ही ससुर ने मेरी ब्रा का हुक खोला तो सब कुछ बाहर छलककर निकल गया।
ससुर भी पुराने और मजबूत घोड़े वाला था। ससुर ने अब देर ना लगाते हुए घोड़ा दौड़ाना शुरु कर दिया था और मैं भी पूरी तरह से डूब चुकी थी। मेरे ससुर का घोड़ा करीब दो घंटे तक दौड़ता रहा और मेरा मैदान हरा होता जा रहा था। करीब दो घंटे बाद ससुर का घोड़ा रुका तो मेरा शरीर भी बिल्कुल टूटा हुआ सा हो चुका था और मैं ससुर के नीचे ही सो गई।
सुबह करीब 4 बजे अचानक फिर आंख खुली तो ससुर का घोड़ा फिर तैयार था तो मैंने खुद ही ऊपर बैठकर सवारी करनी शुरु कर दी थी और ससुर ने भी पूरा साथ दिया। करीब एक घंटे की तेज रफ्तार घुड़सवारी के बाद दोनों सो गए और करीब नौ बजे उठे। कुछ समय बाद ही सास भी घर पहुंच गई थी।
अब तो मैं और ससुर सास के कहीं बाहर जाते ही घुड़सवारी करने लगे लेकिन कुछ ही समय में पता चला कि मैं गर्भवती हो गई हूं। ससुर के मोटे घोड़े की वजह से मेरा शरीर भी खूबसूरत होने लगा था लेकिन गर्भ में पल रहे बच्चे की टेंशन भी सताने लगी थी।