Romantic Love Story Hindi: जिस्म की आग एक ऐसी आग है जिसे चाहो या न चाहो लेकिन, सुलगती जरूर है और फिर एक बार ये आग लग जाती है तो लाख कोशिशों के बाद भी बुझाए नहीं बुझती है। ये कहानी नई नवेली दुल्हन ‘चमेली’ और उसके पड़ोसी ‘कुंदन’ की है जो एक दूसरे से मिलने के बाद क्या गुल खिलाते हैं वो इस कहानी में पढ़ेंगें.
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भाभी और पड़ोसी: Romantic Love Story Hindi | Mastram Story
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भाभी और पड़ोसी: चमेली की जिस्म की आग भी आज भड़क रही थी इसे भड़काने में मौसम का रोल कम नहीं था बाहर बारिश हो रही थी अंदर आग जली हुई थी पर अफसोस की इस आग को बुझाने के लिए वहां कोई नहीं था चमेली अपने जिस्म को खुद हीं निहार रही थी कोई सामने था नहीं इस लिए शर्म की दीवार भी नहीं थी।
वो अपने सुर्ख लाल होठों को दांतों तले दबा कर इस आग से राहत पाने की कोशिश कर रही थी. जब होठों से बात नहीं बनी तो चमेली के साथ उसके साड़ी के भीतर चली गई और कुछीं पलों बाद उसकी काली पैंटी साड़ी से बाहर आ चुकी थी।
और उसका खुद का हाथ उसके नरम मुलायम योनि को मसल रहा था तभी अचानक किसी ने दरवाजा खटखटाया, चमेली अपने कपड़ों को समेटते हुए सोचती है उसके जहन में चल रहा था की इस वक्त कौन हो सकता है वो शंका से भरे दरवाजा पर जाती है देखती है और जैसे हीं दरवाजा खोलती है सामने कुंदन को पाती है।
कुंदन (Devar Bhabhi Ki Kahani) के हाथों में उसके लाल रंग की ब्रा है कुंदन मादक अंदाज में ब्रा को सूंघता है चमेली पिछे नहीं हटती है बल्कि वो कुंदन के हाथ से ब्रा ले लेती है और बिना दरवाजा बंद किए अंदर चली आती है. कुंदन दरवाजा बंद करता है वो जनता है की अब क्या होने वाला है।
दूसरी तरफ चमेली (Bhabhi Ki Kahani) सोच रही थी कि कुंदन उसके पास आकर उसको अचानक बांहों में जकड़ ले तो कैसा होगा, अगर वो अपना सुलगता जिस्म मेरे अंदर प्रवेश करा दे तो कैसा होगा. कुंदन मुस्कुरा रहा था की सामने चमेली की पीठ थी वो जनता था की ये तो चमेली की मौन निमंत्रण है चमेली शांत है और अपने होठों को दांतों में मसल रही है.
उसके पीछे कुंदन (Moral Story) है वो कुंदन के जिस्म की गर्मी को महसूस कर रही है, कुंदन को करीब आते हीं चमेली की साड़ी सरक जाती है चमेली साड़ी समेटने की कोशिश तक नहीं करती. वो जानती है की कपड़ों की मर्यादा तो तभी खत्म हो गई थी जब कुंदन कमरे में दाखिल हुआ था. कुंदन अब धीरे धीरे चमेली की कपड़े उतरता है जल्द ही साड़ी चमेली के जिस्म से अलग हो चुकी थी.
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अब कुंदन चमेली की हल्की पीले कपड़े से बनी पेटीकोट से साफ साफ चमेली की रसीली योनि को देख सकता था वो शर्म से लाल हुए जा रही थी जल्द हीं कुंदन अपनी भी कपड़े उतारने लागत है कुछ देर बाद वो एक बार फिर से चमेली को चूमने लगता है।
और धीरे धीरे आगे बढ़ते हुए उसके ब्लाउज (Bhabhi Aur Padosi) को खोल देता है अब चमेली के बड़े बड़े मम्मे ब्रा से बाहर झांकने लगते हैं जिन्हें कुंदन अपने हाथों से मसल कर उनका रस निचोड़ देना चाहता है चूमते चूमते कुंदन अपना पैंट उतार देता है और अब चमेली के गोरे नितंभ उसके सामने है वो डोगी स्टाइल में चमेली के जिस्म में अपना गर्म सुलगता लोहा डाल देता है कुछ देर बाद जब दोनों शांत होते हैं तो दोनों संतुष्ट थे दोनों का हीं मकसद पूरा हो जाता है.