IPS Shalini Agnihotri: किसी ने क्या खूब कहा है कि “मेहनत इतनी खामोशी से करो की आपकी कामयाबी शोर मचा दे”. यह कविता बिल्कुल सटीक बैठा है IPS officer Shalini Agnihotri पर जिन्होंने बिना किसी को बताए अपना लक्ष्य हासिल कर लिया.
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ऐसी ही कहानी है हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के छोटे से गांव ठठ्ठल की रहने वाली आईपीएस ऑफिसर शालिनी अग्निहोत्री (IPS Officer Shalini Agnihotri) की है, जिन्होंने बिना अपने घर वालों को बताए यूपीएससी की सिविल सर्विस एग्जाम (UPSC Civil Service Exam) की तैयारी करी और अपने पहले ही प्रयास में परीक्षा पास कर आईपीएस ऑफिसर (IPS Officer) बन गईं.
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IPS Shalini Agnihotri Biography In Hindi
शालिनी का जन्म 14 जनवरी 1989 को हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के छोटे से गांव ठठ्ठल में हुआ था शालनी के पिता का नाम रमेश अग्निहोत्री है शालनी दो बहन और एक भाई हैं. शालिनी ने कक्षा 10वीं में 92% अंक हासिल किए थे, लोकिन वो कक्षा 12वीं में केवल 77% अंक लाने में ही सफल हो पाई. इसके बावजूद उन्हें उनके माता-पिता ने उन पर विश्वास जताया और आगे पढ़ने के लिए प्रेरित किया. इसके बाद उन्होंने पालमपुर स्थित हिमाचल प्रदेश एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से अपना ग्रेजुएशन पूरा किया.
Motivational Story Of A Woman IPS Shalini Agnihotri
IPS Shalini Agnihotri Success Story: हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के छोटे से गांव ठठ्ठल की रहने वाले रमेश अग्निहोत्री जो की बेहद हीं गरीब थे लेकिन उनकी जो सोच थी वो बेहद हीं सार्थक और उच्च स्तर के थे रमेश एक मामूली बस कंडक्टर थे उसी काम से अपने तीन बच्चों के साथ साथ दोनों प्राणी खुद अपना जीवन यापन करते थे।
इन्होंने अपने बच्चों की पढ़ाने के लिए दिन रात मेहनत करते थे और इनके बच्चे भी अपने पिता के लाचारी बेबसी को देख कर हमेशा पढ़ने पर ध्यान केंद्रित करते। रमेश अग्निहोत्री की दो बेटियां और एक बेटा है बड़ी बेटी को डॉक्टर और दूसरी को IPS officer और बेटे को आर्मी ऑफिसर बना दिया। इन्हीं तीनों में जो बेटी आईपीएस बनीं उनकी कहनी इस लेख में सुनाने जा रहा हूं जो कि दिलचस्प है।
शालनी जब ग्रेजुएशन कर रहीं थीं तभी से उन्होंने बिना किसी को बताए UPSC Exam की तैयारी भी शुरू कर दीं थीं और जब तक इनका ग्रेजुएशन पूरा हुआ तब तक शालनी UPSC Exam में बैठने के लिए भी पूरी तरह से तैयार हो चुकी थीं।
उन्होंने घर वालों को तैयारी की जानकारी इसलिए दी क्योंकि उन्हें ऐसा लगता था कि यह परीक्षा बेहद कठिन है और अगर वे पास नहीं हुई तो उनके घरवाले बेहद निराश हो जाएंगे. इसके अलावा उन्होंने यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए कोई कोचिंग नहीं ली थी और ना ही किसी बड़े शहर का रुख किया था।
UPSC Exam की पहले प्रयास में बनी सफल
शालिनी ने मई 2011 में यूपीएससी का अपना पहला अटेंपट दिया था और उनकी तैयारी इतनी पक्की थी कि उन्होंने अपने पहले ही अटेंपट में देश की सबसे कठिन परीक्षा पास कर डाली थी. उन्होंने ऑल इंडिया में 285वीं रैंक हासिल की और उन्होंने इंडियन पुलिस सर्विस (Indian Police Services) का चयन किया.
मां के अपमान ने बना दिया ऑफिसर
शालिनी के आईपीएस बनने के पीछे भी एक खास वजह है, जिसको लेकर उन्होंने अपने बचपन का एक किस्सा बताया है, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि वे एक बार अपनी मां के साथ बस से ट्रैवल कर रही थीं और उसी दौरान एक व्यक्ति ने उनकी मां की सीट के पीछे अपना हाथ लगा रखा था.
जिससे उन्हें बैठने में असहजता महसूस हो रही थी. ऐसे में उन्होंने कई बार उस व्यक्ति को अपना हाथ हटाने को कहा, लेकिन उसने अपना हाथ बिल्कुल नहीं हटाया. शालिनी की मां के द्वारा बार-बार कहे जाने के बाद वह व्यक्ति गुस्सा हो गया और कहने लगा कि तुम कहां की कलेक्टर लग रही हो, जो तुम्हारी बात सुनी जाए.
जब यह बात शालिनी के कानों में पड़ी तो वह सह ना सकी और उसी दिन उन्होंने यह ठान लिया कि वह बड़ी होकर ऑफिसर बनेंगी और ऐसे लोगों को उनकी सही जगह दिखाएंगी (IPS Shalini Agnihotri).